7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों,पेंशनर्स, राज्य कर्मचारियों की फिर चमकने वाली है किस्मत, जुलाई में सीधे 5 फीसदी बढ़ेगा महंगाई भत्ता/DA



7th Pay Commission: केंद्र के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स की एकबार फिर किस्मत चमकने वाली है। साथ ही इसका फायदा राज्यों के कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी मिलेगा । जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन में जबरदस्त बढ़ोतरी का अनुमान हैं। एक जुलाई 2022 से कर्मचारियों के डीए (DA) और पेंशनर्स के डीआर (DR) में 5 फीसदी का इजाफा हो सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों को अभी 34 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है जो जुलाई में बढ़कर 39 फीसदी हो जाएगा।


आपको बतादे की सरकार ऑल इंड‍िया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (All India Consumer Price Index) के आधार पर जुलाई में डीए में 5 फीसदी का इजाफा कर सकती है। AICP Index के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी महीने में यह आंकड़ा 125.1 पर था वहीं, फरवरी में यह 125 पर था। जबकि मार्च  महीने में यह बढ़कर 126 पर पहुंच गया। वहीं अप्रैल में इसमें और बड़ा उछाल देखने को मिला है। अप्रैल में AICPI इंडेक्स 127.7 अंक पर रहा है। इससे कन्फर्म है कि आने वाले दिनों में महंगाई भत्ता 4 फसदी की दर से बढ़ेगा। लेकिन, अभी मई और जून के आंकड़े आने हैं। अगर ये इंडेक्स 129 के पार निकलता है तो महंगाई भत्ता 5 फीसदी तक बढ़ सकता है।



अगर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपए पर देखें तो 39 फीसदी के हिसाब से सालाना महंगाई भत्ते में कुल इजाफा 7020 रुपए में होगा। मतलब मौजूदा महंगाई भत्ते के मुकाबले 900 रुपए हर महीने बढ़ेंगे। कुल मिलाकर 18000 रुपए बेसिक सैलरी वाले केंद्रीय कर्मचारियों को सालाना 84240 रुपए महंगाई भत्ता का भुगतान होगा। वहीं, अगर अधिकतम बेसिक सैलरी 56900 रुपए पर देखें तो सालाना महंगाई भत्ते में कुल इजाफा 22191 रुपए होगा। मतलब मौजूदा महंगाई भत्ते के मुकाबले 1233 रुपए हर महीने बढ़ेंगे।


दरअसल सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में दो बार रिविजन होता है। पहला जनवरी और दूसरा जुलाई के महीने में दिया जाता है। सरकार ने 30 मार्च को डीए और डीआर में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद यह बढ़कर 31 से 34 फीसदी हो गया था।


महंगाई भत्ता(DA) सरकारी कर्मचारियों के रहन-सहन को बेहतर करने के लिए दिया जाता है। यह सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिया जाता है। इसे देने की वजह यह है कि बढ़ती महंगाई में भी कर्मचारियों का रहन-सहन का स्तर बेहतर बना रहे।

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